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Deepti S

Tragedy

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Deepti S

Tragedy

चूड़ियाँ

चूड़ियाँ

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हाथों माँ की रंग बिरंगी चूड़ी,पैरों पायल डाल

छूटकी चलती उछल कूद मटकती चाल

ली अगर किसी ने उसकी चूड़ी 

कर देती घर में खड़ा बवाल


स्कूल जाती,तो तीज त्यौहार

पर माँ समान सजती

माँ भी उसे मेहँदी चूड़ी पायल 

से सजा,मन खुश करती


छूटकी की शादी में तो 

उसका ख़ुशी का ठिकाना न था

अब वो हर ऋँगार और चूड़ी तो 

भर भर के पहनेगी यही सोच मन प्रफुल्लित था


पहुँची पिया अँगना जब 

पायल बेड़ियाँ,चूड़ी लगती चाकू सी जब

बहशी पति रोज मारता,टूटती चूड़ी सब

शौक़ बेमन पूरे हुए,नित नयी चूड़ी पहनती जब.



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