अभी तो कितनी मंजिल मक़सद पूरी करनी इसी धाम से। अभी तो कितनी मंजिल मक़सद पूरी करनी इसी धाम से।
तब मैं ना मुस्कुराती थी तब मैं ना मुस्कुराती थी
युग है हम जिसका अंत होके भी अंत न हो। युग है हम जिसका अंत होके भी अंत न हो।
कि तुम एक मात्र स्त्री नहीं हो जिसने प्रेम और गैंग्रीन को एक तरह देखा। कि तुम एक मात्र स्त्री नहीं हो जिसने प्रेम और गैंग्रीन को एक तरह देखा।
बस कोई संत किसी डाकू से पूछे मैं ठहर गया तुम कब ठहरोगे ? बस कोई संत किसी डाकू से पूछे मैं ठहर गया तुम कब ठहरोगे ?
पहुँची पिया अँगना जब पायल बेड़ियाँ,चूड़ी लगती चाकू सी जब. पहुँची पिया अँगना जब पायल बेड़ियाँ,चूड़ी लगती चाकू सी जब.