एक कोढ़ की भांति हर व्यवस्था और समाज को निगल लिया है धार्मिक कट्टरता के अजगर ने । एक कोढ़ की भांति हर व्यवस्था और समाज को निगल लिया है धार्मिक कट्टरता के अजगर ...
न शिकवा है न फ़रियाद है न कोई किसी से विवाद है, न गुलशन में महक है न भोजन में ही स्वा न शिकवा है न फ़रियाद है न कोई किसी से विवाद है, न गुलशन में महक है न भोज...
कि तुम एक मात्र स्त्री नहीं हो जिसने प्रेम और गैंग्रीन को एक तरह देखा। कि तुम एक मात्र स्त्री नहीं हो जिसने प्रेम और गैंग्रीन को एक तरह देखा।