अवसाद
अवसाद
न शिकवा है न फ़रियाद है
न कोई किसी से विवाद है,
न गुलशन में महक है
न भोजन में ही स्वाद है,
किसी की बोली मीठी नहीं
सब लगता विषाद है ,
ख़ुशी नहीं सबमें केवल,
दुःख है, अवसाद है ll
पीने योग्य नहीं हर तरफ
नदी नहीं समंदर है,
सब्र और संतोष कहाँ है
हर कोई यहाँ कलंदर है,
कोई हवा का झोंका नहीं है
चारों ओर बवंडर है,
मीठा-मीठा दर्द नहीं है
टीस भरा मवाद है,
ख़ुशी नहीं है सबमे केवल,
दुःख है अवसाद है ll
कोई राह सुगम नहीं
यहाँ पत्थर है पहाड़ है,
कोई मेल-मिलाप नहीं
यहाँ दंगे है फसाद है,
हिरण्य कश्यप है हर कोई
यहाँ कोई नहीं प्रह्लाद है,
ख़ुशी नहीं है सबमे केवल
दुःख है अवसाद है ll
सहनशील नहीं कोई यहाँ पर
सब लड़ने को तैयार हैं,
कोई किसी से कम नहीं है
सारे दो धारी तलवार हैं,
सबके चेह पे चेहरा है
यहाँ कोई नहीं अपवाद है,
ख़ुशी नहीं है सबमें केवल
दुःख है अवसाद है।
