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ADITYA MISHRA

Drama Others

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ADITYA MISHRA

Drama Others

चुनाव की महिमा

चुनाव की महिमा

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लोकतंत्र है यहां

जनता की सरकार है,

पर चुनाव तक ही सब चर्चे सही है

बाकी सब बेकार है।


जनता जनार्दन भी बन जाती है

दिन इलेक्शन की जब आती है,

सारे नेता बन जाते हैं सेवक

वोट के लिए सब स्वीकार है।


चुनाव जब हो जाती है

दिन वोटिंग के गुजर जाती है,

फिर जनता तो कठपुतली होती है

सरकार तो सरकार है।


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