चलो, हम इस देश के लिए कर्म करें
चलो, हम इस देश के लिए कर्म करें
क्या आप अपनी स्वाभिमान-यात्रा पे
संयम-स्वच्छता-शांति-सकारात्मकता का
पूरा ख्याल रखते हैं ?
क्या आपके दिल में
राष्ट्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठ भावना है ?
क्या आपको अपने उत्तरदायित्व का
पूरा एहसास है ?
वतनपरस्ती को बस
ईमान की ज़रूरत है।
क्या आप पूरी ईमानदारी से
भारत-स्वाभिमान यात्रा पर
निकलने को तैयार हैं...?
राष्ट्रीय एकता की
विजय-पताका ऊँचा कर
इस उद्देश्य से
आगे बढ़ना है हमें
कि विश्व दरबार में
स्वामी विवेकानन्द जी जैसा
स्वाभिमान और देशप्रेम
उजागर हो !
स्वामी विवेकानन्द जी के जैसा
त्याग और तपस्या की
भावना उजागर हो !
उनके मार्गदर्शन पर
विश्व-भ्रातृत्व बोध एवं
राष्ट्र भक्ति की भावना उजागर हो !
चलो, हम सब मिलकर
आत्मनिर्भर भारत की
स्वाभिमान-यात्रा पे निकल पड़ें...!!!
चलो, हम अपने भारत माँ को
विश्वगुरु का सर्वोच्च आसन प्रदान करें...!!!
चलो, हम सब कर्मयोग को
अपना ध्येय मानकर
इस राष्ट्र को जाग्रत करें...!!!