चाँद से कह दो
चाँद से कह दो
चाँद से कह दो न तन्हा कीजिए
आप आकर मन को हल्का कीजिए।
रात को क्यों नींद भी आती नहीं
कुछ हमारे साथ साजा कीजिए।
सादगी मुझमें रही बाकि अगर
हम को सीमा में न बाँधा कीजिए।
प्यार तुमसे तो रूहानी हो गया
छोड़ कर हमकों न जाया कीजिए।
आँख भर आई है चाहत में अभी
इस तरह हमकों न रुसवा कीजिए।
मन में तुमको रखेगी "नीतू " सुन
टुकड़ों में दिल न हिस्सा कीजिए।

