चाँद से चकोरी !
चाँद से चकोरी !
ढलने लगी शाम, रात आने वाली है,
चाँद से चकोरी आज मिलने वाली है।
ठहर कर ऐ रात, देख ले और सीख ले,
ऐसे मिलन की घड़ी न फिर आने वाली है,
चाँद से चकोरी आज मिलने वाली है।
प्रेम की सीमा न कोई, प्रेम तो असीम है।
प्रेम पर प्रेम की आज जीत होने वाली है,
चाँद से चकोरी आज मिलने वाली है।
खिल गया मौसम, सितारे जगमगा उठे।
आसमां से तारों की बारात आने वाली है,
चाँद से चकोरी आज मिलने वाली है।
चकोरी का प्रेम तो इस जहां में एक मिसाल है।
जहाँ को, वो प्रेम की सौगात देने वाली है,
चाँद से चकोरी आज मिलने वाली है।

