एक कटु सत्य
एक कटु सत्य
खुशकिस्मत वो नहीं जिसने सब कुछ पाया,
खुशकिस्मत वो है जिसने सब कुछ खुद कमाया।
कड़वाहट नफरत में कब बदल जाती है
पता भी नहीं चलता,
पर जुदाई के बाद का है पल पल खलता।
गलती करना ज़रूरी है,
सक्षमता की यही कस्तूरी है।
ईश्वर पर भरोसा रखो, पर निर्भर भी मत हो जाओ,
कहीं चमत्कार के इंतज़ार में अंधकार में ना खो जाओ।
हमारी ज़िंदगी के दौर को बदलने कोई फरिश्ता ना आएगा,
अच्छा सोच कर तो देखो, दुश्मनी का रिश्ता भी बदल जायेगा।
सच दुनिया की सबसे कड़वी दवा है,
पर सच्चाई को लोग कहते बेवफा है।
सत्य के मार्ग पर चलकर अमर हो जाते हैं,
कीचड़ में उगे शीतल कमल हो जाते हैं।
राजनीति इस दुनिया की सबसे बड़ी कमजोरी है,
एक माँ की अपने बेटे से चोरी है।
असन्तुष्ट रहता है जो असत्य की राह पर चलता है,
माचिस की क्या ज़रूरत, यहाँ इंसान इंसान से जलता है।
निराशा को आशा में बदलना ही भला है,
उम्मीद की किरणें बिखेरना भी तो एक कला है।
जीवन के दौड़ में सबको दौड़ना होता है,
सबके अपने साथ हो ये ज़रूरी नहीं होता है।
इस दौड़ में कभी कोई आगे तो कभी कोई पीछे होता है,
इसमें कोई उठ के गिरता है तो कोई गिर के उठता है।
अकेले दौड़े तो अपने पीछे छूट जाते हैं,
साथ ढूंढने चले तो, अपने की साथ छोड़ जाते हैं।
इस दौड़ में कोई किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है,
चाहे जितनी पूजा पाठ कर लो, भगवान अपने मन की ही करता है।
किसी से ऐसे ना रूठो की नफरत हो जाए,
रूठो तो ऐसे रूठो की थोड़ा प्यार बढ़ जाए।
ये दिल के रिश्ते भी अजीब होते हैं,
जिनको इनकी कद्र नहीं वो बेहद गरीब होते हैं।
कभी कभी अजनबी भी दिल छू जाते हैं,
पर आजकल अपने ही मतलब निकालने के बाद छू हो जाते हैं।
दुनिया के बाजीगरों को तुम भले ही लो भाँप,
नहीं पहचान पाओगे अपनों में छिपा आस्तीन का सांप ।
ऐ श्रोता, कटु सत्य है ये जीवन के दर्द का पल,
पता चला कि बहुत आगे बढ़ चुके हैं जब देखा पलटकर कल।
