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Stuti Singh

Inspirational

4  

Stuti Singh

Inspirational

एक खूबसूरत ठहराव (Lockdown)

एक खूबसूरत ठहराव (Lockdown)

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एक खूबसूरत ठहराव....।

पसीने से तर , हांफती हुई भागी जा रही थी यह ज़िन्दगी,

कि मोड़ अचानक एक खूबसूरत से ठहराव का आया।

चार दीवारों के अन्दर एक नई दुनिया बसा गया।

तलब थी एक से बढ़कर एक चीज़ हासिल कर लेने की,

रातों से नींद चुराकर ज़माने में काबिल बनने की।


जब साँस लेने की फुर्सत मिली , तो जाना कि,

ज़िन्दगी तो पहले ही बहुत कुछ दे चुकी है,

बस उनका शुक्रगुजार होने का कभी वक़्त ही नहीं मिला।

ज़िन्दगी सिर्फ पाने और खोने का सौदा नहीं,

यह तोह सीखने और समझने का सफर है।


यह घड़ी आईना बन कर आई है,

जो शायद हम भूल गए थे वो याद दिलाने आई है।

जिनपे कभी गौर करने का वक़्त ही नहीं मिला,

वो चीज़ें अब मन मोह लेती हैं।

अब मैने जाना,

कि कैसे एक फूल धीरे धीरे खिल उठता है,

इन शहरों में भी चिड़िया की चहक सुनाई देती है।


थली में परोसे खाने के हर निवाले में एक अलग स्वाद होता है, और,

ज़िंदगी की असली सफलता तोह अपने अपनों का साथ होता है।

लड़खड़ाती हुई ज़िंदगी जब फिर पटरी पर आएगी,

ज़िंदगी तो वही रहेगी बस रफ्तार बदल जाएगी।


नई रातें तो रोज़ आएंगी बस पुरानी यादों को सुला ना पाएगी,

पंख तो तब भी होंगे , पर ज़मीन की अहमियत बढ़ जाएगी।

कोई रोया इसमे तो किसी की हंसी नहीं रुकी,

जब यह वक़्त गुज़र जाएगा तब इसकी याद बहुत आएगी,

फिर हंसेंगे कई, तो बहुतों को रुला जाएगी।

जब यह वक़्त गुज़र जाएगा,

तब इसकी याद बहुत आएगी।


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