हर बार की तरह...
हर बार की तरह...
उसने लूटा ,हम लुट गए हर बार की तरह,
बाद में आंसू मिले हर बार की तरह।
कितने सावन बीत गए इंतेज़ार में उसके,
ये भी सावन जाएगा हर बार की तरह।
कभी हमराज नही होती हैं आंखें नम होने के बाद,
राज़-ए-ग़म बयाँ हो जाएगा हर बार की तरह।
बहुत मुश्किल है सही और गलत का फैसला,
मैं गलत,तुम सही साबित हो जाएगा हर बार की तरह।