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Juhi Grover

Tragedy

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Juhi Grover

Tragedy

चाल

चाल

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चाल ऐसी चली उस हसीन ने मेरे साथ,

मैं उस के जाल ही में फँसता चला गया।


नहीं समझ पाया, कि धोखा है या प्यार,

इकरार का इंतज़ार करता ही चला गया।


नहीं जानता था कि बेवफ़ा है या वफ़ादार,

मैं तो वफ़ा-ए-दस्तूर निभाता चला गया।


भगवान दूर रखें बहुत ऐसे चालबाज़ों से,

मैं तो ज़िन्दगी का कर्ज़ उठाता चला गया।


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