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Dr. Tulika Das

Romance Classics

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Dr. Tulika Das

Romance Classics

चाहते हैं आपको जितना

चाहते हैं आपको जितना

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चाहते हैं आप को जितना

 कोई चाहेगा क्या उतना ?

नहीं यह कोई तुलना नहीं

 यह तो सच है हमारा।


 ऐसा नहीं कि आप जानते नहीं,

ऐसा नहीं कि आप मानते नहीं,

 शिकायत है हमें - 

कभी आप कुछ क्यों कहते नहीं ?


माना प्यार शब्दों का मोहताज नहीं

पर जो दे देते आप

 जज्बातों को आवाज कभी

कुछ हमारे एहसासों से कह देते

कुछ हमारी भी सुन लेते


गुजरते हुए वक्त से 

चंद लम्हे संग हमारे चुरा लेते

तो जीना हो जाता आसान कहीं 

दर्द में भी मिलता आराम कहीं।


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