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neha chaudhary

Tragedy

3  

neha chaudhary

Tragedy

बो चला गया...

बो चला गया...

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ना मैंने सोचा ऐसा कभी

तू मुझको इतना रुलायेगा

मेरी मुस्कान का जरिया तू

मुस्कान मेरी ले जायेगा

दिन ढलता गया, शाम आने लगी

दिल मुझसे मेरा कहता रहा

वो जा रहा है छोड़कर,

फिर वापस कभी ना आएगा

दिल की ना सुनी, मन की ना सुनी,

उस दिन को कैसे भूलूँ अब

जब बाट मैं तेरी निहार रही

जब आया तू था पास मेरे

मैं ठगी ठगी सी रह गयी 

क्या कर डाला तूने पगले

ना सोचा एक बार मुझे......

अखियाँ बरसी नैना तरसे

घर पूरा शोक में डूब गया

एक बार सोचता ऐ पगले

मेरा क्या होगा तेरे बिना

चला गया यूँ छोड़कर

मुझको बेगानी दुनिया में........... ll


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