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shraddha shrivastava

Abstract

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shraddha shrivastava

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बंजर जमीं

बंजर जमीं

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बंजर जमीं पर फसल उगाने का विचार है

अरे जनाब अब आप ही कहिये क्या मेरा ये ख्याल बेकार है !

नाउम्मीदी शब्द सही नहीं लगता उम्मीद होना चाहिए

लाख लोग रोके चल पड़ने का जुनून होना चाहिए


शिकवा शिकायत लेके बैठे तो पूरी किताब भर दे

क्यो ना शुक्रिया करे ज़िन्दगी का

और एक पन्ना ही सही ढंग से भर दे !

बंजर जमी पर फसल उगाने का विचार है


शब्दो को घुमाया ना करो जो अर्थ है वो सही सही बतलाया करो,

झूठ भी बोलो तो साफ कह दो यू भरोसा जीत कर आजमाया ना करो

बंजर जमी पर फसल उगाने का विचार है


आरोप क्या लगना खेर अब किसी पर उसकी करनी

उसे मुबारक,हम अपनी करनी जीते हैं

हम अपना लेख लिखते है उसे उसके लेख पे छोड़ देते हैं !

बंजर जमीं पर फसल उगाने…...........


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