बन जाओ न
बन जाओ न
जब दर्द उठे और
निकले आह
तुम मरहम बन जाओ ना !
मैं छेड़ूँ सुर संगीत के,
तुम सरगम बन जाओ ना!
मैं चपल दामिनी सी चमकूँ
तुम्हारे स्मृति पटल पर
तुम स्मृतियों में खो जाओ ना!
मैं सपनों में मिलने आऊंगी
तुम सपनों में खो जाओ ना !
मैं सुगंधित आनंदित पुष्प सी
तुम मलय बयार बन जाओ ना !
जीवन मेरा मुरझाये नहीं
तुम बहार बन जाओ न !
मीरा भी मैं, राधा भी मैं
तुम मोहन बन जाओ न !
मैं प्रेम हिंडोले में झूलूँ
तुम गीत प्रेम के गाओ न!
मैं तप्त धरा सी जब तड़पूँ
तुम बन मेघ आ जाओ न !
बीच धार है नाव मेरी
तुम नाविक बन जाओ न!
मेरी नैया पार लगाओ न।