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Manisha Patel

Romance

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Manisha Patel

Romance

"बिखर जाऊं मैं जो"

"बिखर जाऊं मैं जो"

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बिखर जाऊं मैं जो शब्द बनकर कोरे कागज पर,

अपनी आंखों से मुझे समेट लेना।

बिखर जाऊं मैं जो फूल बनकर,

पंखुड़ियां मेरी अपनी किताबों में छुपा लेना।


बिखर जाऊं मैं जो खुशबू बनकर हवाओं में,

महक मेरी अपनी सांसों में भर लेना।

बिखर जाऊं मैं जो रंग बनकर,

गालों पर अपने मुझे लगा लेना।


बिखर जाऊं मैं जो राग बनकर,

सुरों में अपने तुम मुझे ढाल लेना।

बिखर जाऊं मैं जो नज़्म बनकर,

होठों से अपने मुझे गुनगुना लेना।


बिखर जाऊं मैं जो वर्षा जल की बूंदों में,

बढ़कर अपनी अंजुरी में मुझे भर लेना।

बिखर जाऊं मैं जो प्यार बनकर, 

अपने दिल के कोने में मुझे संजोकर रख लेना।


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