बिस्तर की रानी
बिस्तर की रानी
तेरी बहकी - बहकी निगाहों में,
मैं सब कुछ अपना लुटा गई,
मैने चाहा जितना भी सँभलना,
मैं उतना ज्यादा और गश खा गई।
तूने नजरों से ऐसा जादू किया,
मेरे दिल को अपना बना ही लिया,
मैं ना - ना करते जितना भगी,
तेरी सूरत उतनी मुझे भा गई।
साथ कैसे अपना देखो जुड़ा,
मेरा रस्ता तेरी ओर मुड़ा,
मैने रोका बहुत खुद को सनम,
फिर भी तेरे जाल में आ गई।
कोई वादा ना था बंधने का,
कोई जोर ना था मचलने का,
तेरी प्यार भरी बाहों में सनम,
मैं कश्म~ओ~कश से समा गई।
तूने भरोसा हमेशा दिलाया,
मरने तक ये साथ ना भुलाया,
तेरी इन्ही बातों में आकर सनम,
मैं सर्वस्व अपना बिखरा गई।
जाने अंजाने जो गलती हुई,
दोनो के दिलों की दूरी मिटी,
उसी दूरी को भुला के मैं अब,
तेरे बिस्तर की रानी कहला गई।