बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
दिल के चाहे तार टूटे
मन की चाहे सरगम टूटे
आये ना बाराती दर पर तो क्या
बनी ना मै दुल्हन तो क्या
बिन फेरे हम तेरे
मेरी चाहत उल्फत ना सही
इश्क मेरा इबादत ना सही
आये ना मेरी याद तो क्या
आयी ना मिलन की रात तो क्या
बिन फेरे हम तेरे
आँखो से पानी बरसता है
कमल दिल का मुरझा गया है
दिल किसिने दुखाया तो क्या
बसाया किसिने मनमन्दिर मे तो क्या
बिन फेरे हम तेरे
तमन्ना थी तुझको पाने की
आरजू थी संग तेरे जीने की
की ना वक्त ने इनायत तो क्या
मिला ना मुकद्दर को इन्साफ तो क्या
बिन फेरे हम तेरे।