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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

भूला ना पाओगे

भूला ना पाओगे

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मत करो महबूब इतनी मेहनत खाँमख़ा 

हर हिचकी पर मैं ही याद आऊँगी तुम्हें 


जाओगे कहीं भी हर शै में पाओगे मुझे 

मुझे भूलना तुम्हारे बस की बात ही नहीं 


उस गलियारे के मोड़ पर खड़ी पाओगे

जहाँ मिले थे पहली बार हम तुम सनम 


बरसात की तन्हा रात कैसे काटोगे भला

हर बूँद में बसी मेरी ही तो झलक पाओगे 


जब भिगोगे यादों की कंटीली बारिश में 

तब रह ना पाओगे तुम दौड़े चले आओगे


तुम्हारी खुशीयों की परिभाषा मैं ही तो हूँ 

कहो अकेले कोई जश्न कैसे मना पाओगे 


तुम्हारे जीने की वजह ही जब मैं हूँ जानाँ 

इस आदत से छुटकारा कहो कैसे पाओगे


लिखने बैठोगे कुछ गज़ल नज़्म सा तब

तसव्वुर में हर रंग मेरे ही रुप के पाओगे


गुनगुनाओगे कोई गीत जब मस्ती में तुम

साथ बिताए हर लम्हों की कसक पाओगे


ईश को याद करते जुड़ेंगे जब हाथ दोनों

मन मंदिर में प्रियवर मेरी ही मूरत पाओगे।


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