बहुत जरूरी है !
बहुत जरूरी है !


तुझे चाहता तो था पर
चाहत में खुद को भुला चुका हूं
अब और नहीं होगा मुझसे
मैं तुझसे अब दूर जा चुका हूं
इतने दिनों तक जाने कितना
वक्त तुझ पर बर्बाद कर किया
तन मन धन सब कुछ लूटाकर
तुझे तो मैंने आबाद कर दिया
लेकिन तुझ पर तो कुछ भी
कभी असर ही नहीं करता
इसलिए अब जाकर मुझे भी
कोई फर्क नहीं पड़ता
छोड़ दिया अब वह प्यार के
हर ख्वाबों में तुझे सजाना
छोड़ दिया मैंने अब
तेरी गली में आना जाना
अब चाहकर भी मैं कभी भी
तुझको ना ही याद करूंगा
अब ना ही तुझसे मिलने की
कभी कोई फरियाद करूंगा
नादान था तो जो कभी
जिंदगी को ना पहचान सका
तुम्हें जिंदगी कहता रहा पर
कभी खुद को भी ना जान सका
जो हुआ वह बदल नहीं सकता
हा शायद यही मजबूरी है
पर अब जो हो सकता है
उसे बदलना बहुत जरूरी है।