बहुत दर्दनाक हादसे
बहुत दर्दनाक हादसे
बहुत दर्दनाक हादसे,
आपाधापी के माहौल भरे रास्ते,
बड़ी दखलअंदाजी दायें बायें,
चिल्ल पों हटो बचो के रास्ते।
आधुनिकता की ध्वनिकता,
कौन जाने माने वास्तविकता,
विडम्बनाओं की दासता,
आधुनिकता की लालसा।
शहर शहर गांव का बाजार,
भीड़ उदर का केन्द्र बन गये,
गांव गांव से पलायन करके,
आज लोग शहर बस गये।।
