भुला तो नहीं होगा तू
भुला तो नहीं होगा तू
भुला तो नहीं होगा तू
अभी कल की ही तो बात थी
घर मे घुसकर मारा था तुझे,
बचा ले तू खुद को इतनी
भी तेरी तो औकात नहीं थी
हिंद की आग को मत भड़का
जल के तू राख हो जाएगा।
छोटा सा तो वैसे ही है तू
विश्व के नक्शे से भी मिट जाएगा।
चुप्पी को हमारी तू कमजोरी न समझ
प्रेम से हाथ बढ़ाते हैं पहले लेकिन
जो डाले हिंद पर बुरी नजर फिर
सिर से अलग कर देते हैं उसका धड़,
ये हिंद का खून है उबाल मारता है
रगों मे पानी भरा है तेरी इसलिए
तो पीठ पीछे से वार कर भागता है,
चेतावनी समझ इसको मेरी
न किसी गुमान मे तू रहना
मिट जाएगी तेरी हस्ती,
हर जर्रे जर्रे पे लिखा हिंदुस्तान होगा,
हिंद का खून है उबाल मारता है
शहीदों की कुर्बानी का जबाव माँगता है,
मिटा देना है ऐसा आंतक
जो देश को ललकारता है.....।
