भ्र्ष्टाचार
भ्र्ष्टाचार
काश भ्रष्टाचार को मिटाने की
कोई वैक्सीन होती
तो हर किसी को लगा दी जाती
धीरे धीरे करके भ्र्ष्टाचार खत्म हो जाता है
पर अफसोस इसकी कोई वैक्सीन होती ही नहीं
न ही बनाई जा सकती है
क्योकि ये एक ऐसी नकारात्मक सोच का परिणाम है
जिसे हम नही बदल सकते
क्योकि हर इंसान भ्र्ष्टाचार का
कुफ ही हिस्सा है
आप सोच रहे होंगे क्यो
क्योकि कोई
इंतजार नही करना चाहता
सब को न जाने किस बात की जल्दी है
बस हर कोई जल्दी के चक्कर मे
बन जाता है
भ्र्ष्टाचार का हिस्सा
वो न नहीं कह पाता
बस ये प्रकिया यूँ ही चलती रहेगी
इसमें अंकुश नही लग सकता।