भिंज गइल अँचरा
भिंज गइल अँचरा
अंसुवन धार बही भिंज गइल अँचरा हमरो सारा
हमसे नेह लगा के सइया तकला ना दुबारा।
अइसन करे जियरा संग तोहरे हम चली आई
लाज शरम सब छोड़ी ,सईया तोहसे हम मिली आई
हमके हंसेला लोगवा गाँव नगर औरी जवारा
हमसे नेह लगा के सइया तकला ना दुबारा।
तोहरे नाम के सेनूर सईया मांग मे अपने भरली
जियब मरब हम संग तोहरे मन मे हमहूँ ठनली
भादों के अंधरिया रतिया बहुते हमके बझाला
हमसे नेह लगा के सइया तकला ना दुबारा।
जाइके परदेश बलमुआ तू हमके भूली गईला
बेदर्दी निसठुर बलमुआ कठकरेज़ काहे भइला
तोहरे खातिर दुनिया छोड़ली,कईसे होइहे गुजारा
हमसे नेह लगा के सइया तकला ना दुबारा।
अइबा न त गरे फंसरी लगाई सूली हम चढ़ जाईब
याद मे तोहरे अंगूरी गिनी बिना मुअले मरी जाईब
आके आपन सजनी अपने हाथे अब तू सवारा
हमसे नेह लगा के ,सइया तकला ना दुबारा।