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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

4.5  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

"भेड़ियावाद"

"भेड़ियावाद"

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362


एक भेड़िये की आवाज

खतरे से करती, आगाह

भेड़िये का परिवारवाद

इंसानों से करे संवाद


तुम इंसान लोग हो,शैतान

करते हो,हमको बदनाम

घिनौने कर्म के हो,अपवाद

भेड़िये को याद है,परिवार


भेड़िये होते, खुशमिजाज

साथ में लगाते, आवाज

मिलकर रहो, साथ रहो

तो रहोगे आप आबाद


भेड़िये की यह आवाज

इकट्ठा करने का है, नाद

अभी खतरे में, मानववाद

महती जरूरत,भेड़ियावाद


भेड़िये बताते यह बात

आजकल वन हुए, बर्बाद

भेड़ियों का छूटा साथ

अब न आये, यह आवाज


भेड़ियों का परिवारवाद

होता, साखी बहुत ख़ास

परिवार महत्व बताता

कहता है भेड़ियावाद


बिन परिवार, व्यर्थ संसार

भेड़िये झुंड में रहते है

उन्हें परिवार पर विश्वास

शायद हमने जंगल उजाड़


प्रकृति से किया खिलवाड़

छूटा भेड़ियों का आवास

गर कोशिश करे, सब साथ

भेड़ियों का बसेगा संसार


पारिस्थिक संतुलन बनेगा

वक्त पर होगा, सब काज

भेड़िये का परिवारवाद

साखी कहे इर्शाद-इर्शाद



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