करे विभा पर एक उपकार थल उच्छावित निर्झरश्वास भरता अभिनव सांस हुलास करे विभा पर एक उपकार थल उच्छावित निर्झरश्वास भरता अभिनव सांस हुलास
फिर भी धँसना है.. मौन मुझे.. हिमखण्डो का वो तेज लिए.. फिर भी धँसना है.. मौन मुझे.. हिमखण्डो का वो तेज लिए..
असह्य कर्कश पौरुष नाद बवंडर हो उठता है। असह्य कर्कश पौरुष नाद बवंडर हो उठता है।
ये गा रहा कोई राग है आज खिल उठा कोई बाग़ है ये गा रहा कोई राग है आज खिल उठा कोई बाग़ है
है अक्षर अनादि अनंत का नाद साक्षरता शक्ति स्वरूप अनुनाद। है अक्षर अनादि अनंत का नाद साक्षरता शक्ति स्वरूप अनुनाद।
बांहें पसारी त्याग अहम् , पल व्याकुल हो ना व्यतीत? तन-मन प्रफुल्ल एक हो जाते, बन जात बांहें पसारी त्याग अहम् , पल व्याकुल हो ना व्यतीत? तन-मन प्रफुल्ल एक हो जाते, ...