सृष्टि की सरगम!
सृष्टि की सरगम!
चाँद-सितारों में है सरगम,
सृष्टी सौम्य संगीत,
क्या तुमने सुना उनको गाते?
हैं वो मेरे मनमीत।
इस छोर बैठ ध्याते उसको हम,
पर ना समझें वो गीत,
मनमोहक और मधुर बजाते,
हैं वो मेरे मनमीत।
दिन रात सुनें, उनको गाते हम,
पाएं प्रभु की प्रीत,
सहज सितारे निशा सजाते,
हैं वो मेरे मनमीत।
हृदय बसी है जिसके पूनम,
युग-युग दिव्य अतीत,
मंत्र मुग्ध ये मौन ना पाते,
बिन मेरे मनमीत।
दिव्य वाणी से नया जनम्,
चित्त प्रसन्न प्रतीत,
श्रद्धा भक्ति हृदय लगाते,
मन मेरे मनमीत।
बांहें पसारी त्याग अहम् ,
पल व्याकुल हो ना व्यतीत?
तन-मन प्रफुल्ल एक हो जाते,
बन जाते मनमीत।
This is translation of poem "Cosmic Song" by Anupa Chaugule
https://storymirror.com/read/poem/english/6kmqw2bt/the-cosmic-song/detail