करे विभा पर एक उपकार थल उच्छावित निर्झरश्वास भरता अभिनव सांस हुलास करे विभा पर एक उपकार थल उच्छावित निर्झरश्वास भरता अभिनव सांस हुलास
समाप्ति के कगार पर लम्हे आपके, कैसे तुम्हारे दिल के अन्दर आऊँ। समाप्ति के कगार पर लम्हे आपके, कैसे तुम्हारे दिल के अन्दर आऊँ।
भाव झूलों पर झुलाता मन जमुन तट नीप तुम हो। भाव झूलों पर झुलाता मन जमुन तट नीप तुम हो।
मैं साथ तुम्हारे हूँ तुम भी अब हाथ बढ़ाना। मैं साथ तुम्हारे हूँ तुम भी अब हाथ बढ़ाना।