अंधेरे को चीरकर तू आई इसीलिए रश्मि कहलाई, अंधेरे को चीरकर तू आई इसीलिए रश्मि कहलाई,
जो खिला जाये अर्द्ध मुकुलित तन मन हाँ यही प्यार है। जो खिला जाये अर्द्ध मुकुलित तन मन हाँ यही प्यार है।
चलो, कुछ काम करें देश हित में जाग री.. बीत रही है यह विभावरी जाग री..... धीरे-धीरे। चलो, कुछ काम करें देश हित में जाग री.. बीत रही है यह विभावरी जाग री..... धीरे...
अँधेरे की गुफा में होने कैद अँधेरे की गुफा में होने कैद
भाव झूलों पर झुलाता मन जमुन तट नीप तुम हो। भाव झूलों पर झुलाता मन जमुन तट नीप तुम हो।
तमस के कबीले से निकलती कोई रश्मि अमन की प्रेमिका भी होगी.! तमस के कबीले से निकलती कोई रश्मि अमन की प्रेमिका भी होगी.!