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Brijesh Yadav

Others

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Brijesh Yadav

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रश्मि

रश्मि

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अंधेरे को चीरकर

तू आई

इसीलिए रश्मि कहलाई,

सूर्य की करती

तू अगुवाई,

तू रुकना नहीं

प्रदूषित धुन्ध से,

कुछ पल के

ये कारे बदरा

तू आ और कर

रौशन ये जग

रश्मि रश्मि

ओ मेरी रश्मि।


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