STORYMIRROR

अर्चना तिवारी

Abstract Inspirational

3  

अर्चना तिवारी

Abstract Inspirational

भारतीय सैनिक

भारतीय सैनिक

1 min
228

माँ भारती के वीर सपूत

देश के रक्षक होते हैं

आतप शीत सहकर भी

जननी का कर्ज़ चुकाते हैं।

नदी पहाड़ सब पार करें

रेगिस्तानों में गश्त लगाते हैं

अपने प्राणों की कहाँ फ़िकर उन्हें

सैनिक छाती पे गोली खाते हैं।

कश्मीर से कन्याकुमारी की माटी तक

अपना दायित्व निभाते हैं

वे कंटकों से न घबराते हैं

दुर्गम पथ पर निज कदम बढ़ाते हैं।

जीवन संगिनी के सप्तपदी भूल

माटी को गले लगाते हैं

भगिनी का वचन भूल

मातृभूमि का फर्ज़ निभाते हैं।

मातृभूमि का फर्ज़ निभाते हैं।

असम से कच्छ के दलदल तक

सिंह सा गर्जन करते जाते

जब तक तन में साँस चले

वे दुश्मन के लहू बहाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract