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Prakash Wankhede

Drama Inspirational

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Prakash Wankhede

Drama Inspirational

भारतीय बनते हैं

भारतीय बनते हैं

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कब तक अन्याय सहते रहोगे

कभी तो आवाज़ उठानी होगी

न्याय का आगाज़ करना होगा


डरनेवाले को दुनिया और डराती है

जो डराता है, उसे दुनिया और डरती है

तुम ही सोचो तुम्हे अब क्या करना है

क्योंकि

तुम्हारी ज़िन्दगी तुम्हारे अलावा

कोई सवार नहीं सकता


दुनिया जितनी जालिम है जनाब

उतनी ही प्यारी भी है

बस प्यार के दो मीठे लब्ज़

कहने को, सुनने को हमारे पास

वक़्त होना चाहिये


कुछ नहीं रखा है,

आपसी रंजिश में 

चलो भूल जाते हैं आपसी साजिशे

नये रिश्ते की शुरुआत करते हैं

नये कल की बात करते हैं

ये देश है हमारा

इसे आबाद रखने की बात करते हैं

चलो,

हम भारतीय बनते हैं!

हम भारतीय बनते हैं!



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