भारत मेरी शान
भारत मेरी शान
सीधी सादी बोली जिनकी,
मिले होंठों पर ही मुस्कान।
सभी देशों में देश निराला,
यह भारत देश मेरी शान।।
अंग्रेज भी कांपे थे थर थर,
रणबांकुरे मिले हर घर घर।
दुश्मन चाहे सामने आ जाये,
नहीं कोई मिलता मन में डर।।
एकता की मिसाल यहां हैं,
ऐसी सुंदर प्रकृति कहां हैं।
जिधर भी देखो खुशी भरी,
खुशियों से भरा ये जहां है।।
धर्म कर्म सब मानने वाले,
मृदुभाषी जन हो भोलेभाले।
सच्चाई की डगर पर चलते,
झूठ बोलेगा मुंह लगते ताले।।
भारत मेरी शान कहलाती,
पूर्वायी पवन चले मदमाती।
जंगल में मंगल ही मिलता,
कहीं शेर कहीं मिले हाथी।।