बेटी की पुकार
बेटी की पुकार
कागज-कलम मेरे हाथों में देकर,
कर दो बाबा...
मेरे उज्जवल जीवन का शगुन।
ये दुनिया हमें बोझ न समझे,
ले आएँगे हम खुद में भी ऐसा गुण।
कागज-कलम मेरे हाथों में देकर,
कर दो बाबा...
मेरे उज्जवल जीवन का शगुन।
करे जमाना फक्र बेटियों के नाम पर,
कुछ ऐसा कर दिखाने की लगी है हमें धुन,
कागज-कलम मेरे हाथों में देकर,
कर दो बाबा...
मेरे उज्जवल जीवन का शगुन।
