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sonam prajapati2013

Drama

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sonam prajapati2013

Drama

बचपन की गलियां

बचपन की गलियां

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बचपन की गलियां

नन्हे-नन्हे लड़खड़ाते कदमों से

गुज़रते थे जहां,

घर-आँगन में अठखेलियां करते थे जहां,

माँ के आँचल में पिता के कांधे पर

सिर रखकर सुकून मिलता था

सारे जहाँ का,

याद आती है वो माँ की लोरियां

और बचपन की गलियां,

मासूम मन की शरारतों से

निश्छल सी अपनी मुस्कुराहटों से

जीत लेते थे सबकी दिलों-जाँ

बन जाते थे सबके जीवन का अरमां,

याद आती है अपनी वो नादानियाँ

और बचपन की गलियां।



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