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Sushant Kushwaha

Tragedy

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Sushant Kushwaha

Tragedy

बेटा हुआ जवान

बेटा हुआ जवान

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जब पैदा हुआ था बेटा

तबसे पिता को था गुमान

सोचा पढ़ा लिखकर

बनाऊँगा उसे इंसान

जब बेटा हुआ जवान

हुआ पिता से बलवान

किया ना पूरा कभी

पिता का एक भी अरमान

होना था फरिश्ता उसे

पर निकल गया शैतान

करना था सेवा उसे जब

करने लगा उन्हें परेशान

जब बेटा हुआ जवान

हुआ पिता से बलवान

पिता को था बेटे पे गुमान

टूटा गया उनका भी मान

पहले बना नाफ़रमान

फिर किया उसने अपमान

पाकर दौलत पिता का

होने लगा उसे अभिमान

चलना था मोहब्बत के रास्ते

चल पड़ा रास्ता सुनसान

जब बेटा हुआ जवान

हुआ पिता से बलवान।


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