बेरूखी दिख गई
बेरूखी दिख गई
बेरूखी दिख गई
बात जब हो गई
मै परिशान था
तुम भी चुप हो गई
वक्त कैसे गुजारा
पता कुछ नही
कुछ नज़र ने कहा
बात सब हो गई
जब बताया मुझे
मिलने आया नही
खूश रहुँ कैसे मै
ग़म मुझे मिल गई
वो हँसी याद है
लम्हा वो याद है
दिल बहलने लगा
जब नज़र मिल गई
दिल दुआ भी किया
मै इबादत किया
जिसको मांगा वही
अब किधर खो गई
अब छुपाऊं नज़र
दिल लगाऊं किधर
छोडकर वो गई
राज़ सब खूल गई
आज उसने कहा
ख्वाब तुम छोड़ दो
मै बुलाया इधर
वो किधर फिर गई
देखा उसको कभी
दिल इशारा किया
ईश्क मे मेरे बिन
धड़कने रूक गई
बातें दिलकी सुनी
कुछ ना बोली मगर
मै छुपाता रहा
सच बता वो गई
एक खूदा है मेरा
एक है तेरा खूदा
दिल यकीन कर लिया
रूह मे बस गई
जानती है मुझे
मै समझता उसे
कैसे चुप हो गई
आह क्या लग गई
कोशिशों मे मेरे
आज भी है वही
ख्वाब देखा मगर
सब ज़्यान हो गई
कौन हुँ मै बता
फिक्र मे वो मेरे
वो थी मंज़िल मेरी
छोडकर क्यो गई
उसको ऐसे कभी
चुप ना देखा कभी
हौसला मै दिया
जब परिशान हुई...