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Anita Sharma

Romance Tragedy Classics

4.5  

Anita Sharma

Romance Tragedy Classics

बेखौफ मोहब्बत

बेखौफ मोहब्बत

1 min
420


मैने प्यार किया था तुमसे, 

तो तुमने भी तो मुझसे किया था। 

कहीं खो न दूँ मैं तुम्हारी दोस्ती भी, 

बस इसीलिये तो इजहार नहीं किया था। 

तुम भी तो मुझसे कहाँ कुछ कह पाये थे। 

मुझे खोने के डर से तुम भी तो घबराये थे। 

फिर क्यों आज तुम यूँ बातें बनाते हो। 

तुम पुरुष हो तो उस सच्ची, 

मोहब्बत का भी मजाक बनाते हो। 

मैं स्त्री उस झूठी सी बात को भी, 

दिल की गहराइयों में छुपाकर रखती हूँ। 

और तुम पुरुष अपना पुरुषत्व दिखाने के लिये, 

कितने झूठे किस्से यूँ ही सुना देते हो। 

तुम पुरुष हो न इसलिये मेरी तरह ,

बदनामी से कहाँ डरते हो।


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