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S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

बेइंतहा मोहब्बत !

बेइंतहा मोहब्बत !

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तेरे हर एक जज्बात से 

बेइंतहा मोहब्बत की है,  

तेरे हर एक एहसास से 

बेइंतहा मोहब्बत की है,

तेरी हर एक याद से  

बेइंतहा मोहब्बत की है,

जब जब तुमने याद किया है 

मैंने हर एक उस लम्हे से

बेइंतहा मोहब्बत की है,

जिसमें हो एक सिर्फ तेरी

और एक सिर्फ मेरी बात  

मैंने तेरी उस एक जात से 

भी बेइंतहा मोहब्बत की है,

तेरे हर एक इंतज़ार से भी 

मैंने उतनी ही शिद्दत से 

बेइंतहा मोहब्बत की है,

तू मेरी है सिर्फ मेरी

मैंने तेरे दिए उस भरोसे से भी 

बेइंतहा मोहब्बत की है।


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