बेचैन कर देती हैं उसकी याद!
बेचैन कर देती हैं उसकी याद!
वो ख़ुश रहें आबाद रहें,
कोई ग़म ना सताये उसे,
हर पल उसके होठों पर हो मुस्कान,
यही दिल से हैं फरियाद,
आज भी बेचैन कर देती हैं उसकी याद!
दिल के जख़्म को
कुरेदती हैं,
आँखों में पानी जैसा
बहती हैं,
कुछ सुनती हैं,
कुछ कहती हैं,
अजनबी सा बर्ताव हैं उसका,
अब तो ग़म के मंज़र कि
बढ़ने लगी हैं तादाद,
आज भी बेचैन कर देती हैं उसकी याद!
तन्हापन महसूस होता हैं,
उसके बिन,
दिन भी गुज़रता हैं,
तारे गिन-गिन,
बेख्याली में भी उसका
ही ख्याल आता हैं,
हर घड़ी बस सवाल आता हैं,
लगता हैं हो जाऊँगा मैं बर्बाद,
आज भी बेचैन कर देती हैं उसकी याद!