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Pramila Singh

Tragedy

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Pramila Singh

Tragedy

बदलते रंग

बदलते रंग

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मौसम के बदलते रंग को देखकर

हैरानी नहीं ‌होती मुझे,


मैंने इन्सानों को रंग बदलते देखा है

खंजर तो बदनाम है युं‌ ही कत्लकरने के लिए


मैंने जुबां की चोट से लोगों को बिलखते देखा है।


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