मैंने जुबां की चोट से लोगों को बिलखते देखा है। मैंने जुबां की चोट से लोगों को बिलखते देखा है।
बोये हैं बहुत चश्म-ए-तमन्ना में यहाँ ख़्वाब तब जा के ज़मीं दिल की ये बारानी हुई है। बोये हैं बहुत चश्म-ए-तमन्ना में यहाँ ख़्वाब तब जा के ज़मीं दिल की ये बारानी हुई...
शयद यही हुआ होगा, शायद शैतान मुझमें बस चुका होगा। शयद यही हुआ होगा, शायद शैतान मुझमें बस चुका होगा।
कई बार बातें उलझ जाती है, बेवजह रातें यूँ ही बीत जाती हैं। कई बार बातें उलझ जाती है, बेवजह रातें यूँ ही बीत जाती हैं।
तो उसने कहा चाँद जमीं पर मुझे दिख गया है आज तो उसने कहा चाँद जमीं पर मुझे दिख गया है आज
भूला नहीं आखिर तो था "सूर्य" उसका प्रणय देवता ! भूला नहीं आखिर तो था "सूर्य" उसका प्रणय देवता !