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Abhilasha Chauhan

Tragedy

3  

Abhilasha Chauhan

Tragedy

बड़ी बुरी महामारी

बड़ी बुरी महामारी

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गरीबी और बेरोजगारी

बड़ी बुरी महामारी

कैसी इसने जड़े जमाई

नैतिकता को आग लगाई


पेट खाली हो और जेबें भी खाली

बड़ी-बड़ी बातें भी तब लगती गाली

हर साँस के लिए संघर्ष जब करना पड़े

बात कोई भी किसी के कैसे पल्ले पड़े


मन में उबलती आक्रोश की आग

तब अनेक अपराध भी जाते जाग

पेट की आग सबसे बलवती है

पल-पल मानवता इसमें झुलसती है


पेट भरने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा

खाली पेट किसी को क्या अच्छा लगेगा

युवाओं को जब न उचित रोजगार मिलेगा

खाली दिमाग में शैतान का वास रहेगा


विकास की बातें बहुत सुनने में आई

गरीबी बेरोजगारी किसी ने न मिटाई

असमान विकास से क्या देश बढ़ेगा

अवनति का पथ ऐसे ही खुला रहेगा


बच्चों को करना पड़े जहाँ मजदूरी

कैसे होगी उनकी सब आस पूरी

शोषण अत्याचार यूं ही बढ़ता रहेगा

समाज कैसे तब उन्नत बनेगा....??



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