बचपन
बचपन
कहा है मेरा बचपन
जहाँ कोई रोक टोक नहीं थी
कहा है मेरा बचपन
जिसमें कोई मजबूरी नहीं थी
जवानी के आने से जैसे खो गया मेरा बचपन
याद बहुत आते है वो मस्ती के दिन
बारिश में खेल कूद करना
छोटी सी तितली के पीछे भागना
आज फिर जी करता हे तितली का पीछा करूँ
भागते भागते फिर बचपन में चली जाओं
सुना मेरे कृष्णा ने दे दिए दो फूल से बच्चे
जो जी रहे आज फिर से मेरा वो बचपन
वो भी दोहरायगे मेरा वो बचपन
अपने बच्चों को सुनाएँगे ऐसा सुंदर था मेरा बचपन।
