Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Jisha Rajesh

Drama

3  

Jisha Rajesh

Drama

बचपन की यादें

बचपन की यादें

1 min
285


जब मन होता है उदास

और टूट जाती है आस

जीवन संघर्ष में जब होती है हार

असंभव लगता है जब होना पार


याद आते हैं दिन बचपन के

साथ लाते है पल आनन्द के

यादें नानी की ड़ाँट और प्यार के

और वे शब्द उनकी प्रिय कविता के


"बुंदेलों हरबोलो के मुँह

हमने सुनी कहानी थी।

खूब लड़ी मर्दानी

वो तो झाँसी वाली रानी थी।"


निराशा का अंधकार मिटाती हैं

ड़टे रहने का का साहस देती हैं

विजय का विश्वास दिलाती हैं

वे शब्द, नानी की प्रिय कविता के।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama