बचपन की यादें
बचपन की यादें


जब मन होता है उदास
और टूट जाती है आस
जीवन संघर्ष में जब होती है हार
असंभव लगता है जब होना पार
याद आते हैं दिन बचपन के
साथ लाते है पल आनन्द के
यादें नानी की ड़ाँट और प्यार के
और वे शब्द उनकी प्रिय कविता के
-justify">
"बुंदेलों हरबोलो के मुँह
हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी
वो तो झाँसी वाली रानी थी।"
निराशा का अंधकार मिटाती हैं
ड़टे रहने का का साहस देती हैं
विजय का विश्वास दिलाती हैं
वे शब्द, नानी की प्रिय कविता के।