Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kishan Negi

Romance Classics Fantasy

4  

Kishan Negi

Romance Classics Fantasy

बात न करो जाने की

बात न करो जाने की

1 min
431


खामोश शहर की ख़ामोश खामोश रातें

अपने दर्द की खामोशियाँ बयाँ कर रही हैं

रात कोई मनचला तूफान आया होगा

खौफनाक मंज़र की कहानियां बयाँ कर रही हैं


काश! खामोश रह कर अगर सुन लेते

यकीन करो अब तलक उनके हो गए होते

ख्वाहिशों के खुले आसमान में उड़कर

खुद को भुलाकर उसकी यादों में खो गए होते 


उनकी यादों में अब हिचकियाँ भी नहीं आती

वरना अब तलक तड़प कर हम रो गए होते

हर शाम फीकी लगती है यहाँ जिनके बिन

गर पास होते तो उनकी बाहों में सो गए होते 


टिप टिप गिरता पानी और उनका भीगा बदन

काश! आषाढ़ की वही मौसम फिर लौट आए

बादलों को देख कर मंद-मंद उनका मुस्कराना

काश ! इश्क का मतवाला मौसम फिर लौट आए 


ज्यादा कुछ नहीं बस इतना ही तो मांगा था

इस सावन ख़ूब बरसना इस दिल के आंगन में

संभल कर चलना यौवन की बलखाती राहों में

डरता हूँ कहीं कोई कांटा न फंस जाए दामन में


अब तलक जो भी गया लौट कर नहीं आया

यहां आज भी है इंतज़ार हर पल उनके आने का

यहां रात अभी बाकी है, वहां भोर है सोई

अभी अभी आए हो ख्याल न आए जाने का


सांझ ढले ठुमक-ठुमक कर तुम्हारा चले आना 

जैसे सागर में समाने को बेताब प्रेम की नदियाँ

यकीन करो या न करो अब तुम्हारी मर्जी

तुमको भुलाने में गुजर जायेंगी हज़ार सदियाँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance