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Brajendranath Mishra

Drama

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Brajendranath Mishra

Drama

बादलों पर सीढ़ी लगाऊँ

बादलों पर सीढ़ी लगाऊँ

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बादलों पर सीढ़ी लगाऊं, आसमाँ पर कूची चलाऊँ

उनके संग उड़-उड़, हवा में, रंगीन बिजलियाँ सजाऊँ।


ऐ पवन रुक जा कहाँ तू बावरी सी जा रही ?

बादलों पर लिखी है पाती में अपने दिल का हाल।


तू उन्हें भी संग लेकर उड़ती जा, और उड़ती जा,

देना संदेश मेरा और लेना प्रेमा को संभाल।


मैं तो हूँ अभिशप्त दूर पर्वत पर भोगता संत्रास

कैसे पाऊँ प्रिया तेरे अंक को और विश्रांति पाऊँ।


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