मारुति नंदन तुझे प्रणाम
मारुति नंदन तुझे प्रणाम


मारुति नंदन असुर निकन्दन
भव भय भंजन, तुझे प्रणाम।
भक्तों की है लगी कतार
आये सभी शरण में तेरी
अब न कराओ इन्तजार
अब तुम सुध ले लो मेरी।
राम भक्त करते हैं वंदन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
असुर निकन्दन भव भय भंजन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
आतताइयों ने फिर से हिन्दू -
आस्था पर किया प्रहार।
शक्ति हमें देना तुम विक्रम
उनका समूल मैं करुँ संहार।
हे वायुपुत्र करते हैं नमन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
असुर निकन्दन भव भय भंजन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
हाथ बढ़े जो सीताओं पर
उन हाथों को खंडित कर दूँ।
नारि अस्मिता को
धूमिल करने
वालों का मस्तक चूर्णित कर दूँ।
हे अंजनी पुत्र, केसरी नंदन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
असुर निकन्दन भव भय भंजन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
जिन असुरों के पग बढ़े
हमारी सीमाओं की ओर।
उनकी छाती को विदीर्ण कर
बिखरा दें हम चहूँ ओर।
हे महाबली, हे अरि मर्दन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
असुर निकन्दन भव भय भंजन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
भगवान राम के परम भक्त
हे लक्ष्मण के जीवन दाता।
मुझमें भर दो शक्ति अपार
रक्षित हो अपनी हिन्द माता।
हे शोक विनाशन, ज्ञान प्रकाशन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।
असुर निकन्दन भव भय भंजन
मारुति नंदन तुझे प्रणाम।