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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Inspirational

वादा और वक्त

वादा और वक्त

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वादे तो वादे वादों का क्या 

वक्त से मोहलत मिली

निभा दिया।।

निभा नहीं पाये तो हालत

वयां किया।

हालत तो हलात का क्या

कभी माकूल कभी

दुश्मन, नामाकूल सा होता।।


हालत, हालात बदल सकते

गर वादा 

जुबान जज्बे,जज्बात का

बयां इरादा होता।।

इरादे तो इरादे है, इरादों का क्या

हारते हिम्मत का शर्मशार 

कश्ती का मज़ाक तो शेर की दहाड़ होता।।


हौसलों की हद नहीं होती पस्त

हौसला नहीं होता

इरादों के जद में ,हौसलो

की हद ,वादों का वजूद कद होता।।

वक्त जहाँ में सबके लिये 

बराबर मुंसिफ मिज़ाज़ वक्त खुदा भगवान होता।।    


वक्त ना किसी का दोस्त् ना किसी का दुश्मन।।

वक्त का दुश्मन इंसान खुद को धोखा देता।।

वक्त कद्रदान पर मेहरबान

जाया करता जो मिले वक्त को

वक्त ही कर देता बेमोल परेशान।।       


शख्स जो को खुद को वक्त में खोजता हो जाता

वक्त के थपेड़ो भंवर भ्रम के जाल में शर्म शार।।

 

बीत जाती जिंदगी कोषते

तक़दीर ,वक्त, खुदा ,भगवान् को

तकदीर खुदा भगवान् का क्या?

उनके लिये सारा संसार होता।।

तदवीर के तरासे इंसान की चमक

ईमान वादे की हैसियत वक्त की

कीमत वक्त का जर्रा जमीं जिगर होता।


हौसलो इरादों के इंसान की

लब्ज जुबान कीमती होता

वादे निभाने की ताकत

तकदीर खुदा भगवान् से मिल

जाने की आशिकी का जूनून होता।


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